मेरे लफ़्ज़ों को तराना चाहिए अब तेरे दिल में ठिकाना चाहिए अब आँखों से आँखें तो मिलने लगी है दिल से दिल भी मिलाना चाहिए अब मोहब्बत की बारिश होने को है साथ इसमें भीग जाना चाहिए अब अब मुझको फ़क़त है आरजू तेरी मुझको नहीं ज़माना चाहिए अब तुम्हारे बिन कहीं दिल नहीं लगता ये तुम्हें समझ आ जाना चाहिए अब मैं राह तकता हूँ दिन-रात तेरी तुम्हें तो सीने से लगाना चाहिए अब यार तुमसे जुदाई कब तक सहूँ ता-उम्र साथ निभाना चाहिए अब नया साल भी अब आने को है तुम्हें भी लौट आना चाहिए अब ©Jagjeet Singh Jaggi... ख़्वाबगाह...! #Rose love poetry for her poetry on love love poetry in hindi hindi poetry