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ये मासूम स्याह रात किसे पेश करूँ? अपनी ही परछाई ड

ये मासूम स्याह रात किसे पेश करूँ?
अपनी ही परछाई  डराती है मुझे,
आँसुओं से भींगी है दिल के ज़ख्म,
टूटे दिल की कायनात किसे पेश करूँ?

©shashi kala mahto
  #किसेपेशकरूँ