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रात रोज़ एक चांद निकलता है घटता है या बढ़ता है सिर्फ

रात रोज़ एक चांद निकलता है
घटता है या बढ़ता है सिर्फ उदास मन समझता है। कृष्ण पक्ष है शुक्ल पक्ष है दो रात जिएगा तो बताएगा, आशिक की जात है एक रात जीता फिर एक रात जीता है।
रात रोज़ एक चांद निकलता है
घटता है या बढ़ता है सिर्फ उदास मन समझता है। कृष्ण पक्ष है शुक्ल पक्ष है दो रात जिएगा तो बताएगा, आशिक की जात है एक रात जीता फिर एक रात जीता है।