Nojoto: Largest Storytelling Platform

White इस दुनिया कि भीड़ में कोई भी अपना ना मिले

White इस दुनिया कि भीड़ में कोई भी 
अपना ना मिले

कोई भी नहीं जाने हम नगें पाव काटों भरे सफर में 
हरदम कितना चले कितना जले,,,

आंखों से गिरते हुए आसुओं ने कसमें उठाई 
क्यों मैने ही खामखा सबसे झूठी चाहतें लगाई,, 

अपनों ने ही हर पल घात लगाई 
जिससे सीने में दिल नहीं हर पल गम है पले,,,

रोया पछताया मैने क्या है कमाया 
इस दुनिया दारी कि खातिर 
क्या खोया क्या पाया 
.......... २ ...........

©Rakesh frnds4ever
  #रोया #पछताया 

इस #दुनिया  कि भीड़ में कोई भी अपना ना मिले

कोई भी नहीं जाने हम #नगें पाव #काटों  भरे सफर में 
हरदम कितना चले कितना #जले ,,,

आंखों  से गिरते हुए

#रोया #पछताया इस #दुनिया कि भीड़ में कोई भी अपना ना मिले कोई भी नहीं जाने हम #नगें पाव #काटों भरे सफर में हरदम कितना चले कितना #जले ,,, आंखों से गिरते हुए #गम #कोट्स #rakeshyadav #rkyadavquotes #rkyfrnds4ever

189 Views