दिल में है तेरी यादों का मंज़र, आँखों में कुछ यादगार सफ़र। क्यूँ छोड़ गया तू अकेला मुझे, दिल में है आज भी तेरा बसर। सर्द में हो जैसे सुहानी सहर, धूप का भी न होता असर। तेरी यादों के बिना मैं रहूँ कैसे, साहिल है आज भी तेरा मुंतज़र। 🎀 Challenge-470 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 🎀 इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। 🎀 रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।