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कितना दुश्वार था तेरे बिन रहकर ये हुनर रखते हैं 

कितना दुश्वार था तेरे बिन रहकर ये हुनर रखते हैं  
मुझ से ही फ़ासला रखना मुझे अपनाना आम बात है.... 

दिल की बिगड़ी हुई आदत से ये उम्मीद नहीं हैं 
भूल जाएगा ये इक दिन तेरा याद आना आम बात है.... 

तेरे बिन अकेले खुद से बातें करते रहते हैं
तेरा पास आकर यूं दूर चले जाना आम बात है....

मान लेती हूं हो गई तुमसे मोहब्बत एक बार 
क्या हो जाएगा फिर जो तुम कहते हो आम बात है .....

कैसी आदाब -ए -नुमाइश ने लगाईं शर्तें है
फूल होना ही नहीं फूल नज़र आना आम बात है.... 

तुमने हमेशा रिश्ते में भ्रम पाल रखा है
तेरा होना भी नहीं और कहलाना आम बात है....

कैसे कहे हम तो आज भी तेरे बिन अधूरे हैं
उन आंसुओं के साए में ठहरे आम बात है......

तेरे बिन हर त्योहारों में भी दुखी रहते हैं 
दिल बहला कर फिर यूं रुला जाना आम बात है....

शायद तुम्हें इन दूरियों की कोई कीमत नहीं  हैं
उम्मीद देखकर फिर यु छीन लेना आम बात है .....

यु हमेशा बहाने करके मेरे प्यार को ठुकराते  है
तेरा पास आकर यूं  प्यार जताना आम बात है....

©Meenakshi Suryavanshi
  #Terebin