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अब वो कभी सामने आये तो उससे कहना थोड़ा ठहर कर जाये

अब वो कभी सामने आये
तो उससे कहना थोड़ा ठहर कर जाये
उसका मुस्कराया हुआ भूल चुका हूँ
फिर नकाब हटा कर मुस्कराए
कई दिनों में मै एक अरसा गुजर चुका हूँ
अगर मै बादल हू वो बरसात बन कर आये
उसकी जो मेरी तरफ उठे नजर
हुस्न एक मुहब्बत की गजल बन कर जाये

अब वो कभी सामने आये तो उससे कहना थोड़ा ठहर कर जाये उसका मुस्कराया हुआ भूल चुका हूँ फिर नकाब हटा कर मुस्कराए कई दिनों में मै एक अरसा गुजर चुका हूँ अगर मै बादल हू वो बरसात बन कर आये उसकी जो मेरी तरफ उठे नजर हुस्न एक मुहब्बत की गजल बन कर जाये #शायरी #EkChahatHaiMeri #SeptemberCreator

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