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शायरी टुटना और बिछड़ना पेड़ से टूट कर, सूखे

शायरी

टुटना और बिछड़ना 
  

पेड़ से टूट कर,
सूखे पत्ते कुछ इस तरह बिछड़ गए,
 कि वो अपने दर्द में ,
कुछ इस तरह रोएं,
कि बादलों की आंख में भी आंसू, 
बारिश बन बह गए।

Meenakshi Sharma बिछड़ना
शायरी

टुटना और बिछड़ना 
  

पेड़ से टूट कर,
सूखे पत्ते कुछ इस तरह बिछड़ गए,
 कि वो अपने दर्द में ,
कुछ इस तरह रोएं,
कि बादलों की आंख में भी आंसू, 
बारिश बन बह गए।

Meenakshi Sharma बिछड़ना

बिछड़ना #शायरी