शायरी टुटना और बिछड़ना पेड़ से टूट कर, सूखे पत्ते कुछ इस तरह बिछड़ गए, कि वो अपने दर्द में , कुछ इस तरह रोएं, कि बादलों की आंख में भी आंसू, बारिश बन बह गए। Meenakshi Sharma बिछड़ना