आख़िर कौन? सब अपने है,पर अपना कौन? सब सच्चे है,फिर झूठा कौन? सब ईमानदार है,फिर बेईमान कौन? सब बेगुनेहगार है,फिर गुनेहगार कौन? सब निष्पक्ष है,फिर पक्षधर कौन? सब पाक साफ है,फिर नापाक कौन? सब धर्मनिष्ठ है,फिर अधर्मी कौन? सब कहते है सब एक समान है, फिर उच्च–नीच की भावना रखता कौन? सब अच्छे है,फिर बुरा कौन? सब कहते है ईश्वर एक है, फिर भिन्न– भिन्न आकारों में उन्हें ढालता कौन? सब रहमदिल है,फिर बेरहम कौन? सब इंसान है,फिर हैवानियत करता कौन? सब वफादार है,फिर बेवफ़ा कौन? सब साफ़ नीयत, नज़र के है,तो जिस्म का सौदागर कौन? सब सही है,फिर गलत कौन? एक बार सब ख़ुद से सवाल करे कि, आख़िर कौन? Naina ki Nazar se Naina ki Nazar se