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अब तो याद भी नहीं कब-कब कहाँ और किस तट पर पैर रखा

अब तो याद भी नहीं
कब-कब कहाँ और किस तट पर 
पैर रखा था आसरे के लिए..कहीं गड्ढे थे तो कहीं दलदल था..अब तो बस बह रहा हूँ नदी की धार में इसी उम्मीद के साथ कि कहीं तो ईश्वर ने मेरे हिस्से का किनारा लिखा होगा मौत से पहले या मौत के साथ...!!

©Pawan Dvivedi
  #lakeview किनारा

#lakeview किनारा #SAD

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