तुझसे दूर भी रहना चाहूँ तेरे पास भी आना चाहूँ तू देखे चाहे किसी और को ये भी न सहन कर पाऊँ चाहत है प्रेम है दोस्ती है या कुछ भी नही इसी कश्मकश में खुद ही उलझती सुलझती जाऊँ #nojoto #writersofnojoto #poetry #poem #hindi #hindikavita