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बड़ा संगदिल है महबूब मेरा, मुझपर रत्ती भर भी कहां

बड़ा संगदिल है महबूब मेरा,
मुझपर रत्ती भर भी कहां रहम करता है,
कल तक एकतरफा हुकूमत थी जिसके दिल पर मेरे इश्क की,


सुना है आजकल वहां,,, वहम रहा करता है,,,,,,,,

©कपिल #गलतफहमी
बड़ा संगदिल है महबूब मेरा,
मुझपर रत्ती भर भी कहां रहम करता है,
कल तक एकतरफा हुकूमत थी जिसके दिल पर मेरे इश्क की,


सुना है आजकल वहां,,, वहम रहा करता है,,,,,,,,

©कपिल #गलतफहमी
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कपिल

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