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" आज मैं तुम्हें कुछ कहना चाहता हूं , तोड़ के हदों

" आज मैं तुम्हें कुछ कहना चाहता हूं ,
तोड़ के हदों कि दिवारे मैं तुम्हें पाना है ,
फरज कर तुम भी इस बात को कब समझेंगी ,
कहीं तुमभी एक हां के इन्तजार में तो नहीं . "

                            --- रबिन्द्र राम " आज मैं तुम्हें कुछ कहना चाहता हूं ,
तोड़ के हदों कि दिवारे मैं तुम्हें पाना है ,
फरज करा तुम भी इस बात को कब समझेंगी ,
कहीं तुमभी एक हां के इन्तजार में तो नहीं . "

                            --- रबिन्द्र राम 
#हदों #दिवारे #इन्तजार
" आज मैं तुम्हें कुछ कहना चाहता हूं ,
तोड़ के हदों कि दिवारे मैं तुम्हें पाना है ,
फरज कर तुम भी इस बात को कब समझेंगी ,
कहीं तुमभी एक हां के इन्तजार में तो नहीं . "

                            --- रबिन्द्र राम " आज मैं तुम्हें कुछ कहना चाहता हूं ,
तोड़ के हदों कि दिवारे मैं तुम्हें पाना है ,
फरज करा तुम भी इस बात को कब समझेंगी ,
कहीं तुमभी एक हां के इन्तजार में तो नहीं . "

                            --- रबिन्द्र राम 
#हदों #दिवारे #इन्तजार