जब कुन्दन जैसे ख़ुद नहीं तो किसी ज़ोया की ख्वाहिश आख़िर क्यूँ जिस दिन कुन्दन बनें बनारस की हर गली में जोया मिलेगी राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी ©मेरी दुनियाँ मेरी कवितायेँ कुन्दन जोया