कोई है जो मेरी आंखों में बन के आंसू बह गया, जाते जाते वो मुझे वो राह का पत्थर कह गया, मैं क्या कहूं अब उसे जिस में बसी मेरी जान है, मान ना मान कहीं मेरे अंदर भी इक इंसान है, मैं फ़र्ज़ से बंधा था, फ़र्ज़ निभाता रहा गया, जाते जाते वो मुझे वो राह का पत्थर कह गया। ©Harvinder Ahuja #तुफान #Ocean