आज़ाद ख्याल (कविता अनुशीर्षक में) — % & #restzone #rztask263 #rzलेखकसमूह आज़ाद ख्याल पिंजरे में बंद परिंदा, सब देख सकते हैं लेकिन, अदृश्य विचारों का पिंजरा, कोई महसूस नहीं करता। बंध जाते हैं हम,