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इतनी ठंड में मैं रो रहा हूं अकेला , तेरे बिन तेरी

इतनी ठंड में मैं रो रहा हूं अकेला ,
तेरे बिन तेरी यादों में खो रहा हूं अकेला !

तेरे मेरे बीच में दूरियां हो गई है 
इतनी चाह कर भी मैं तेरे पास नहीं आ सकता !

आंखें तो है खुली पर आंखों से सांस नहीं आ सकता !
टूटे हुए फूलों पर कभी भी मिठास नहीं आ सकता!

देखना कभी ऊपर आसमान में नजर उठा कर ,
कोहरे से भरे आसमान में चांद नजर नहीं आ सकता !

खुल गई है अब दर्द की मंडियां ,
अब कभी वापिस तेरा मेरा साथ नहीं आ सकता ! इतनी ठंड में मैं रो रहा हूं अकेला ,
तेरे बिन तेरी यादों में खो रहा हूं अकेला !

तेरे मेरे बीच में दूरियां हो गई है 
इतनी चाह कर भी मैं तेरे पास नहीं आ सकता !

आंखें तो है खुली पर आंखों से सांस नहीं आ सकता !
टूटे हुए फूलों पर कभी भी मिठास नहीं आ सकता!
इतनी ठंड में मैं रो रहा हूं अकेला ,
तेरे बिन तेरी यादों में खो रहा हूं अकेला !

तेरे मेरे बीच में दूरियां हो गई है 
इतनी चाह कर भी मैं तेरे पास नहीं आ सकता !

आंखें तो है खुली पर आंखों से सांस नहीं आ सकता !
टूटे हुए फूलों पर कभी भी मिठास नहीं आ सकता!

देखना कभी ऊपर आसमान में नजर उठा कर ,
कोहरे से भरे आसमान में चांद नजर नहीं आ सकता !

खुल गई है अब दर्द की मंडियां ,
अब कभी वापिस तेरा मेरा साथ नहीं आ सकता ! इतनी ठंड में मैं रो रहा हूं अकेला ,
तेरे बिन तेरी यादों में खो रहा हूं अकेला !

तेरे मेरे बीच में दूरियां हो गई है 
इतनी चाह कर भी मैं तेरे पास नहीं आ सकता !

आंखें तो है खुली पर आंखों से सांस नहीं आ सकता !
टूटे हुए फूलों पर कभी भी मिठास नहीं आ सकता!