ना जाने इस बेरहम बेमुरव्वत दुनिया में, लोग कैसे जिया करते हैं, अपने ग़म को सीने में दफ़न कर, बेहिसाब शराब पिया करते हैं। जब भी उनका दिल रोता है, अपने अश्कों को छुपा लिया करते हैं, हम हैं जो बारिश में अक्सर, अपने अश्कों को बहा दिया करते हैं। अश्कों को बहाने से निश्चित ही, मन का बोझ हल्का हो जाता है, चार दिनों की नश्वर ज़िन्दगी में, दो दिन आराम से कट जाता है। बची हुई ज़िन्दगी के पल गर हमें सताये, हम आँहें नहीं भरते हैं, हम हैं जो बारिश में अक्सर, अपने अश्कों को बहा दिया करते हैं। ज़िन्दगी की राह में कदम डगमगाते हैं, हम गिरते और संभलते हैं, फिर भी दिल के तहखाने में, उम्मीदों के चिराग अनवरत जलते हैं। आज के इस अँधे युग में 'मधुकर', तेरे प्रीत को ये सुमन क्या जानें, हम हैं जो बारिश में अक्सर, अपने अश्कों को बहा दिया करते हैं। #baarish_me_aksar #competitionsbymanavi #yqdidi #yqbaba #yqquotes #competition #participate Rules regarding competition ✔Aapko har do din me ek topic dia jaega jisme aapko collab krna hai. ✔Time limit: 05:00 pm next day ✔No word limit. You can surely write in caption. ✔Results will be out the next day.