साँसों से जंग हार के ,कौन लौट के आया है वापस उम्र भर गिराया जिन्होंने ,आज कंधों पे उठाया है वापस जिंदगी रहते हुए क्यों ये मोहब्बत नहीं रहती कोई पूछे उनसे क्यों ये जरूरत नही रहती कब्र खोद कर आज मुझे ,दफनाया है वापस जिस्म तो बेजान है क्यों ,रूह को रुलाया है वापस वापस #पारस #रूह #जिस्म