जिन्दगी के सफ़र में अकेले ही चले थे, तुम मिले जो हमसफ़र एक प्यारा मिला। तुमने थामा जो बढ़कर मेरे हाथ को, फ़क़त डूबते को तिनके का सहारा मिला। गुमनाम हो जाते हैं वो, जिनकी हस्ती बदनाम होती है। मुश्किलों में ज़िंदगी का सफ़र, मंज़िलें नीलाम होती हैं।। 👉आओ अब कुछ लिख जायें।। कोलाब कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :- #collabwithकाव्यपथिक #ज़िंदगीकासफ़र #काव्यपथिक