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मकतब ए इश्क़ में तो मैं अव्वल आया, क्योंकि इश्क़ त

मकतब ए इश्क़ में तो मैं अव्वल आया,
क्योंकि इश्क़ तो मैंने रूह से ही निभाया।
लेकिन क़िस्मत के खेल में रहा फिसड्डी,
वह बेवफ़ा तो बन गया मेरे गले की हड्डी।

©Amit Singhal "Aseemit"
  #मकतब #ए #इश्क़