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बहती मैं अविरल धारा सी चमकती चांद सितारा सी मैं

बहती मैं अविरल धारा सी 
चमकती चांद सितारा सी 
मैं प्रेम की पुजारी हूं 
हां मैं नारी हूं 
रूकना मुझे आता नहीं 
झुकना मुझे भाता नहीं 
मैं प्रेम की पिटारी हूं 
हां मैं नारी हूं 
तुम समझ लो मुझको एक बार 
पालो मुझे और मेरा प्यार 
मैं शक्ति की चिंगारी हूं 
हां मैं नारी हूं |
सीमा शर्मा पाठक #mywords #Mannkebhav #Poetry #Hindi
बहती मैं अविरल धारा सी 
चमकती चांद सितारा सी 
मैं प्रेम की पुजारी हूं 
हां मैं नारी हूं 
रूकना मुझे आता नहीं 
झुकना मुझे भाता नहीं 
मैं प्रेम की पिटारी हूं 
हां मैं नारी हूं 
तुम समझ लो मुझको एक बार 
पालो मुझे और मेरा प्यार 
मैं शक्ति की चिंगारी हूं 
हां मैं नारी हूं |
सीमा शर्मा पाठक #mywords #Mannkebhav #Poetry #Hindi