बहती मैं अविरल धारा सी चमकती चांद सितारा सी मैं प्रेम की पुजारी हूं हां मैं नारी हूं रूकना मुझे आता नहीं झुकना मुझे भाता नहीं मैं प्रेम की पिटारी हूं हां मैं नारी हूं तुम समझ लो मुझको एक बार पालो मुझे और मेरा प्यार मैं शक्ति की चिंगारी हूं हां मैं नारी हूं | सीमा शर्मा पाठक #mywords #Mannkebhav #Poetry #Hindi