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चेहरे की रंगत बता रही हुआ आगाज-ए-इश्क सम्हलना दिल

चेहरे की रंगत बता रही
हुआ आगाज-ए-इश्क 
सम्हलना दिली मसला है।
ख़्वाबों के शीशमहल में
हुई आवाज जरा ऊंची जो
इनमें दरारों का खतरा है।
देखो रँगीनयाँ रिश्तों की
होतीं तितलियों सी नाजुक 
इन्हें कसने की कोशिश तो
इनके मरने का खतरा है।
©अलका मिश्रा

©alka mishra
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