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Black ‘घर’ सा बनकर आना... हर

Black 
                  ‘घर’ सा बनकर आना...


हर कोई यहां नदी सा है
जहां कोई हमेशा के लिए ठहर नही सकता ...
मगर जो हमेशा स्थिर रह सके
तुम मेरे लिए एक घर जैसे  बन जाना!

आज साथ हैं पर कल का पता नही
ये बहती हुई किसी नदी के समान ही हैं...
मगर तुम आना तो कुछ इस तरह 
कोई ‘घर’ सा बन कर आना....
मैं सुकून की तलाश में कहीं जाना चाहूं
और तुम ‘घर’ की तरह  मुझे याद आना!

©Pallavi Mamgain तुम ‘नदी’ नही , ‘घर’ सा बनकर आना

poetry, love , ghar, nadi 

#Thinking #घर #नदी  प्रेम कविता हिंदी कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता कविता
Black 
                  ‘घर’ सा बनकर आना...


हर कोई यहां नदी सा है
जहां कोई हमेशा के लिए ठहर नही सकता ...
मगर जो हमेशा स्थिर रह सके
तुम मेरे लिए एक घर जैसे  बन जाना!

आज साथ हैं पर कल का पता नही
ये बहती हुई किसी नदी के समान ही हैं...
मगर तुम आना तो कुछ इस तरह 
कोई ‘घर’ सा बन कर आना....
मैं सुकून की तलाश में कहीं जाना चाहूं
और तुम ‘घर’ की तरह  मुझे याद आना!

©Pallavi Mamgain तुम ‘नदी’ नही , ‘घर’ सा बनकर आना

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#Thinking #घर #नदी  प्रेम कविता हिंदी कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता कविता
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