काफी वक्त से चल रहा है भटकना ये मेरा । पर हकीकत में मै जिंदगी जी ही नहीं रहा हूं । दिखता हुं खुश पता है दिखाना पड़ता है यहां । में अपने दिल को इस ज़माने से बचा रहा हूं । ©Vickram खामोशियां,