White फलक के मेहमाँ जमीं पर रहा नहीं करते फरियादें न कर अब लोग सुना नहीं करते वो तेरी जरूरत है तो ख़ुद तुझे जाना होगा नदियाँ बहती हैं,समंदर बहा नहीं करते मगरूर हो ख़ुद को आबाद न रख पायेगा टूट जाते हैं वो दरख्त जो झुका नहीं करते बिक सकता है कतरा कतरा ज़िस्म का तेरे अश्क़ कीमती भी रहें तो बिका नहीं करते वो शौक से रुख बदल जायें मर्जी उनकी हम राही मोहब्बत के राह बदला नहीं करते बदनाम कर गया नापाक़ ज़िस्म इश्क़ को अच्छे लोग तोअब मोहब्बत किया नहीं करते खाली जेब मर्ज लिये आया न कर यहाँ वैध हकीम कोई मुफ्त में दवा नहीं करते ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #ग़ज़ल