आंखों में आसूं छलका है, फिर वो जख्म उभरा हैं, फिर वो मंजर याद आया है, तिरंगे में लिपटी थी भाई की लाश, खुद भारत मां ने आंचल उड़ाया था। कई रातों से सोया नहीं था, कर्तव्य था सामने इसलिए, छुट्टी ना मिलने पर वो कभी रोया नहीं था, करोड़ों बहनों के लिए सीमा पर खड़ा रहा था ...................आनन्द ©आनन्द #भाई #भारतीय_सेना #Indian_Army #RakshaBandhan2021 #Anand_Ghaziabadi #आनन्द_गाजियाबादी