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शोर खामोशियों के सन्नाटे को,चीरता हुआ विकल्प हूं,

शोर
खामोशियों के सन्नाटे को,चीरता हुआ विकल्प हूं,
शांति को तड़पाता,अपने ही दिल का शोर हूं।
सो जाए सारी दुनियां,लेकिन मैं जागता हुआ भोर हूं,
अपने - आप में मचलता,नहीं जो कभी सोता,मैं वो तोड़ हूं
दिलों के तार में तान छेड़ता,अपने ही दिल का शोर हूं।
कभी सपनों के पीछे भागता,कभी नदियों सा ख़ामोश हो बहता
नहीं जो कभी रुकता,पल - पल जो दिल को छेड़ जाता
बसंती हवा सा मतवाला,अपने ही दिल का शोर हूं।
जीता हूं सबमें,वो मौन रंग का इंद्र्धनुशी संसार हूं मैं
कभी सही तो कभी गलत,इन्सानों में फंसा मोहजाल सा मैं
सात सुरों से सज़ा,मनमोहना संगीत हूं मैं,अपने ही दिल का शोर हूं।
कभी तो ख़ुद से रूठा,साथ छोड़ने को आतुर
अपने ही दिल का द्वंद हूं मैं,कभी प्यार में पड़ा मैं
सुख -दुःख का प्रतिबिंब सा मैं,अपने ही दिल शोर हूं।
सभी वक्त के साथ,छोड़ देते हैं अपनों का साथ
मैं चुप रहता लेकिन,कभी ना तन्हा छोड़ता
सच्ची प्रीत और मनमीत सा मैं,दिलों की शोर को सुनता
ज़िंदगीभर का साथ निभानेवाला
सच्चा हमसफ़र,मित्र और सहयोगी राहगीर सा मैं
आत्मा की गहराईयों की आवाज़,अपने ही दिल का शोर हूं
हां मैं कभी न चुप रहनेवाला,दिल के शीशे में
सच्चा प्रतिबिंब दिखाता मैं,अपने ही दिल का शोर हूं।।

©purvarth #शोर
शोर
खामोशियों के सन्नाटे को,चीरता हुआ विकल्प हूं,
शांति को तड़पाता,अपने ही दिल का शोर हूं।
सो जाए सारी दुनियां,लेकिन मैं जागता हुआ भोर हूं,
अपने - आप में मचलता,नहीं जो कभी सोता,मैं वो तोड़ हूं
दिलों के तार में तान छेड़ता,अपने ही दिल का शोर हूं।
कभी सपनों के पीछे भागता,कभी नदियों सा ख़ामोश हो बहता
नहीं जो कभी रुकता,पल - पल जो दिल को छेड़ जाता
बसंती हवा सा मतवाला,अपने ही दिल का शोर हूं।
जीता हूं सबमें,वो मौन रंग का इंद्र्धनुशी संसार हूं मैं
कभी सही तो कभी गलत,इन्सानों में फंसा मोहजाल सा मैं
सात सुरों से सज़ा,मनमोहना संगीत हूं मैं,अपने ही दिल का शोर हूं।
कभी तो ख़ुद से रूठा,साथ छोड़ने को आतुर
अपने ही दिल का द्वंद हूं मैं,कभी प्यार में पड़ा मैं
सुख -दुःख का प्रतिबिंब सा मैं,अपने ही दिल शोर हूं।
सभी वक्त के साथ,छोड़ देते हैं अपनों का साथ
मैं चुप रहता लेकिन,कभी ना तन्हा छोड़ता
सच्ची प्रीत और मनमीत सा मैं,दिलों की शोर को सुनता
ज़िंदगीभर का साथ निभानेवाला
सच्चा हमसफ़र,मित्र और सहयोगी राहगीर सा मैं
आत्मा की गहराईयों की आवाज़,अपने ही दिल का शोर हूं
हां मैं कभी न चुप रहनेवाला,दिल के शीशे में
सच्चा प्रतिबिंब दिखाता मैं,अपने ही दिल का शोर हूं।।

©purvarth #शोर