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शुक्र है इबादत करता हूं मैं, इस जहां में जिसने लाय

शुक्र है इबादत करता हूं मैं,
इस जहां में जिसने लाया,
उसकी कद्र करता हूं मैं,
क्या करूं ऐसी परवरिश में पला हूं मैं,
अपनो को दिल में बसाए रखता हूं मैं,
हैं मेरे लिए खुदा का रूप वो,
जिसकी वजह से धरा पर आया हूं मैं,
शुक्र है इबादत .................! इबादत करता हूं मैं.........!
शुक्र है इबादत करता हूं मैं,
इस जहां में जिसने लाया,
उसकी कद्र करता हूं मैं,
क्या करूं ऐसी परवरिश में पला हूं मैं,
अपनो को दिल में बसाए रखता हूं मैं,
हैं मेरे लिए खुदा का रूप वो,
जिसकी वजह से धरा पर आया हूं मैं,
शुक्र है इबादत .................! इबादत करता हूं मैं.........!