तेरे नाम की मेहंदी जब से रचाई है हाथ में, तेरे प्यार के रंग में रंगा हूं तब से में, अब कोई और रंग मुझपे चढ़ता ही नहीं, तुम यूं ही प्यार करते रहो और में निखरू तुम्हारे प्यार में, प्यार के रंगों को घोल दू जीवन में, हाथो में रचा के नाम तुम्हारा, बसा रहूं तुम्हारे मन में। ©Chintu Agrvansi तेरे नाम की मेहंदी