चलते रहना कभी न रुकना जीवन की अनकही कहानी। कन्धों में है आग लगी पैरों से लिपटा पानी। ढूंढ रही है मंज़िल तेरी तेरे पैरों की निशानी।।2 वो तुम ही हो,जो गिन सकते हो तारों को भी। निगल सकते हो जलते हुए अंगारों को भी। निराश मन की धड़कनो को न होने देना। उठते तूफान को आँखों मे न सोने देना। बनके फिरेगी एक दिन दुनिया तेरी दीवानी। ढूंढ रही है मंज़िल तेरी तेरे पैरों की निशानी। Tasleem sarwar. #Corona_Lockdown_Rush #Messageoftheday #jiwangaatha