असुरक्षा का अर्थ है हम रोज तैयार है पतानही क्या होगा? पता नहीकहाँहोंगे पता नहीं कैसे होंगे? लेकिन अभी से फिक्र भी क्यों करें ज़ब वह घड़ी आएगी तब हंम aहोंगे और अपने पूरे जीवन से उस घड़ी का मुकाबला करेंगे अपने पूरे होश से उस घड़ी को सुलझान्ने की कोशिश करेंगे अतिक्रमण जारी रहेगा फिर एक दिन ये सात्यत प्रकट होगा कि यही चिर र्जीवन है. यही शांशाश्वत जीवन है ©Parasram Arora असुरक्षा ही है चिरजीवन