ये कैसी खालिश है ये कैसी तपन है जिधर देखता हूँ जलन ही जलन है वो कल तक खड़ा था जो यहाँ सच के खातिर वही अब धर्म में बटा जा रहा है। देश मेरा लूटा जा रहा है। मेरी होली होती नही थी तेरे बिन न होती थी ईद तेरी मुझ बिन जो कल तक सहारा थे एक दूसरे का वही अब घर को जला जा रहा है। देश मेरा लूटा जा रहा है। बड़ी मुस्किलो से आजादी मिली है इबारत तरक्की की सबने लिखी है जो कल तक बाते करता था अमन की वही नफरतो से भरा जा रहा है। देश मेरा लूटा जा रहा है। सियासत ने गैरत को भी बेच डाला चमन में हमारे ज़हर घोल डाला सुबह शाम मिलता था जो मुस्कुरा कर वो नजरे चुरा कर चला जा रहा है देश मेरा लूटा जा रहा है। सियासत की खातिर वतन न जलाओ कदम को बढाओ गले से लगाओ सम्भल जाओ ऐ मेरे प्यारे युवाओ की दम अब वतन का घुटा जा रहा है देश मेरा लूटा जा रहा है। #desh #country #india #deshbhakt #watan #mulkh #love