मोहब्बत से ज़माने की ये दुश्मनी नई तो नहीं है फिर भी कहता हूँ कि ये नफरतें सही तो नहीं है मेरी मोहब्बत को दायरों में बांधने की कोशिशें क्यों ए जमाने वालों ये कोई तुम्हारे गाँव सीमा तो नहीं है मेरा महबूब मेरा रब