तुम अच्छे की शुरुआत हो तुम कटु हो,तुम शत्रु नही तुम प्रथम हो,तुम अंत नही तुम क्षण नही,तुम काल हो इस काल पर आघात हो तुम अच्छे की.......... तुम सूरज हो,तुम प्रकाश नही तुम खोज हो,तुम विनाश नही तुम इस दिशा को मोड़ दो तुम इस गति पर मात हो तुम अच्छे की.......... तुम विरुद्ध हो,तुम अवरुद्ध नही तुम परिवर्तन हो,तुम परिवर्जन नही तुम इस लिखे को मिटा दो तुम इन बंधनो की काट हो तुम अच्छे की.......... तुम रियायत हो तुम रिवाज़ नही तुम इस शोर की आवाज़ नही तुम अपनी ध्वनि का संचार हो इस ध्वनि की,बहरो में भी बात हो तुम अच्छे की.......... तुम अच्छे की शुरुआत हो!!