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मुझे छोड़ना भी उसके लिए कहां आसान था, लबों पर बेबस

मुझे छोड़ना भी उसके लिए कहां आसान था,
लबों पर बेबसी भरी मुस्कान,
आंखों से बरसता आसमान था।
यूं तो उसे रहती थी हर वक्त फिक्र मेरी,
अब किसी और का इंतजार करना, 
कहां आसान था।
और वो जो कभी -कभी मुझपर ही 
बेबात हंस लिया करती थी।
आज उसे हंसाने की कवायद में
खुद की आंखें  छलक आयीं क्योंकि......



--------dj shayar

©DHANANJAY PANDEY
  #udaasi#uski#udaasi#uskiyaad# बाबा ब्राऊनबियर्ड Sahil.dindor IshQपरस्त Anshu writer Gulshan_Dwivedi