खाश थी वो दोस्ती हाथो से जुड़ती और हाथो से ख़त्म होती थी कभी चुप्पी तो कभी खूब शरारत होती थी नाराज होने पर दोस्ती कट्ट सी जाती थी जरुरत पड़ने दोस्ती जुड़ सी जाती थी कट्टी -बट्टी लगा रहता था आपस में प्यार भरा रहता था ©Arun kr. कट्टी, बट्टी