लक्ष्य को गर तुम्हें पाना है तो, थोड़ा संयम रखना होगा, कुछ पल तुम्हें ठहरना होगा, दो कदम पीछे करना होगा। कामयाबी यूँ ही नहीं मिलती, शौक को गंवाना पड़ता है, कुंदन बनने के लिए, भट्टी में तप कर गुजरना पड़ता है। साधकर लक्ष्य अपनी बाणों का, अनुसंधान करो तो ज़रा, ना हो अधीर बनकर रणधीर, पल दो पल ठहरो तो ज़रा। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 📌 रचना का सार..📖 के Pin Post पर 📮 वाले नियम अवश्य पढ़े..😊🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-69 में स्वागत करता है..🙏🙏