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थक सी गई है बहते -बहते! वो भी रूकना चाहती हैं

थक सी गई है बहते -बहते! 
 वो भी रूकना चाहती हैं 
 गुम गई है वो गहराइयों में
 ख़ुद को ढूंढना चाहती हैं 
 जुबा नहीं है लफ्ज़ नहीं है 
खामोशियों से दर्द को गढ़ना चाहती हैं
 वो लहरें भी कुछ कहना चाहती हैं। ।

©chanda Yadav #seaside#wordsofchanda#hindinojotopoetry
थक सी गई है बहते -बहते! 
 वो भी रूकना चाहती हैं 
 गुम गई है वो गहराइयों में
 ख़ुद को ढूंढना चाहती हैं 
 जुबा नहीं है लफ्ज़ नहीं है 
खामोशियों से दर्द को गढ़ना चाहती हैं
 वो लहरें भी कुछ कहना चाहती हैं। ।

©chanda Yadav #seaside#wordsofchanda#hindinojotopoetry