गुनगुनाते थे वो मेरे दिल का साज़ बनकर, रौशन करते थे सल्तनत- ए - इश्क़ को मेरा ताज बनकर ये तो हैं बस पुरानी यादें ,सवाल - ए- दस्तूर तो है कि... ऐ खुदा जो थे ज़िंदगी में कल भी क्यों नहीं आते मेरा आज बनकर? #Love #emotions #question #nojotonews #nojotohindi #nojoto #यादें #memories #wish