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पलकों के दो दीप जलाकर तेरी राह में बैठी हूं आकर ग

पलकों के दो दीप  जलाकर तेरी राह में बैठी हूं
आकर गले लगाओगे तुम बस इस चाह में बैठी हूं
लाख बुरे हो दुनियां वाले लेकिन मुझे भरोसा है
वो है सबका मालिक जो मैं उसकी पनाह में बैठी हूं
मुस्कान शर्मा

©मुस्कान शर्मा
  #Fire jalta Dil