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भर आई आँखें पर.. क्यूं नमी हाथों में थी, दिल में थ

भर आई आँखें पर.. क्यूं नमी हाथों में थी,
दिल में था दर्द पर.. क्यूं गमी बातों में थी।

समझ ही न आया कि.. रेत सा क्यूं वक्त था,
धड़कनें थी मद्धम पर.. रवानगी सांसों में थी।

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©Neel
  भर आई आँखें 🍁
archanasingh1688

Neel

Silver Star
Growing Creator

भर आई आँखें 🍁 #शायरी

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