हमारा भी एक ख्वाब था, हमारा भी एक सपना था, हम भी घूमना चाहते बेफिक्र होकर, पर उम्र से पहले जिम्मेदारियों का बोझ.... ये मिडिल क्लास की जिंदगी भी कितनी मुश्किल होती हैं ना? न खुद की पढ़ाई पूरी हुई न अपने सपने पुरे हुए न ही पापा के सपने पुरे कर पा रहे हैँ, अब ज़ब उम्र 29 के पार हो गयी हैं, तो जिंदगी ने दोहरे रास्ते पर लाकर खड़ा कर दिया हैं..... घर की परेशानियां या अपने सपने..??? सच बोलूं तो मैं कभी अपने सपनों को जिया ही नहीं, जिनके सपनों को मैं अपना सपना मानकर जीता हूं वो मुझे समझते नहीं हैँ....🥲 मैं मानता हूं पैसा बहुत कुछ हैं आज की जिंदगी में, पर पैसा सब कुछ तो नहीं हैँ ना.....? मैंने हमेशा पैसों से पहले अपनों की खुशियाँ चाही अपनों को चाहा, पर अब समझ आ रहा हैं की काश में भी अपने सपनों को जिया होता, तो आज इतनी घुटन महसूस नहीं करता, काश मैंने भी परिवार से पहले अपने सपनों को चुना होता.. काश........... 🥲🥲 ©Khyali Joshi #alonesoul