पैरों तले तारे ""'''''''''''''''''''''" मैं बहती हुई हवाओं में था तुझ संग था,तो खलाओं में था... बिजली की छिटकन तेरी अदा थी गर्जन मेरी सदाओं में था... गुदगुदी-सी होती थी, तारे पैरों तले जब पड़ते थे... चांदनी की बेल पकड़, सूरज ही पर हम चढ़ते थे... उमंग-ओ-अहसास का मौसम हरसू दसों दिशाओं में था... हर अमा मज़ेदार थी, हम मिलकर चाँद छुपाते थे... बादलों के पीछे बैठ, वहीं घंटों फ़िर बतियाते थे... तेरी ही तो आँखों का काजल उमड़ती हुई घटाओं में था... मैं बहती हुई हवाओं में था... मिलकर तुझसे था सूफियाना नहीं दुनियावी गुनाहों में था तुझ संग था,तो खलाओं में था... #खलाओं=अंतरिक्ष, #अमा=अमावस्या #मैं #हवा #घटा