मैं किसी का, कोई मेरा नहीं होने वाला क्योंकि ग़ुस्सा मेरा ठंडा नहीं होने वाला जब मेरे साथ तू हर रोज़ बुरा करता है फिर तेरे साथ भी अच्छा नहीं होने वाला आप कहते हो, तो फिर आपके कह लेने से मेरा किरदार तो गंदा नहीं होने वाला फिर भी ऐसा नहीं होता कि क़दम रुक जाएँ जबकि आसान भी रस्ता नहीं होने वाला चाहे क्यूँ न मैं सियासत पे ग़ज़ल लिखता हूँ पर मैं नेताओं का चमचा नहीं होने वाला जिसके चलते मेरी नज़रों में मैं ख़ुद गिर जाऊँ काम मुझसे कोई ऐसा नहीं होने वाला देख लेना कि वो आरिज़ जो हुआ न मेरा फिर ये अनवर भी किसी का नहीं होने वाला ... अनवर क़ुरैशी ©dilkibaatwithamit मैं किसी का, कोई मेरा नहीं होने वाला क्योंकि ग़ुस्सा मेरा ठंडा नहीं होने वाला जब मेरे साथ तू हर रोज़ बुरा करता है फिर तेरे साथ भी अच्छा नहीं होने वाला आप कहते हो, तो फिर आपके कह लेने से मेरा किरदार तो गंदा नहीं होने वाला