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आसमान बेचैन था और निरंतर कुछ सोच रहा था बादलो ने

आसमान बेचैन था  और निरंतर  कुछ सोच रहा था
बादलो ने पूछा भी था  कि क्यो वह इतना चुप था
आसमान ज़मीन क़ो देख करचिंतित  था.... क्योंकि वह
जवानी की दहलीज़  लांघ  चुकी थी  ... क्योंकि ज़मीन क़ो वो
अपनी बेटी  मानता था... और इसिलए वो चिंतित भी था
बादलो ने उसकी चिंतित दशा देख कर  उसे सुझाव दीया
कि कोई योग्य वर ढूंड कर इस कुंवारी ज़मीन के हाथ पीले कर दे.... आसमान भी इस सुझाव से सहमत हो गया था
इसलिए   उसने  सूरज और चाँद के पास  ज़मीन के व
विवाह हेतु प्रस्ताव भेज दिया
लेकिन सूरज ने यह कह कर प्रस्ताव ठुकरा दिया कि ये ज़मीन
खून से रंग  चुकी है  और प्रदुषन्न से विषाक्त भी हो चुकी है
चाँद ने भी इस प्रस्ताव क़ो ठुकराने के कारण बता दीये
कि ये धरती  अपना शिल्प खो चुकी है. कि ये धरती अपने संस्कार भूल कर दिशा   विहींन हो चुकी है... कि विभ्र्म और द्वन्द ग्रस्तता के कारण ये ज़मीन पथभृष्ट  हो चुकी है. इसलिए  वो  इस ज़मीन के लिए योग्य वर  नहीं है

©Parasram Arora योग्य वर
आसमान बेचैन था  और निरंतर  कुछ सोच रहा था
बादलो ने पूछा भी था  कि क्यो वह इतना चुप था
आसमान ज़मीन क़ो देख करचिंतित  था.... क्योंकि वह
जवानी की दहलीज़  लांघ  चुकी थी  ... क्योंकि ज़मीन क़ो वो
अपनी बेटी  मानता था... और इसिलए वो चिंतित भी था
बादलो ने उसकी चिंतित दशा देख कर  उसे सुझाव दीया
कि कोई योग्य वर ढूंड कर इस कुंवारी ज़मीन के हाथ पीले कर दे.... आसमान भी इस सुझाव से सहमत हो गया था
इसलिए   उसने  सूरज और चाँद के पास  ज़मीन के व
विवाह हेतु प्रस्ताव भेज दिया
लेकिन सूरज ने यह कह कर प्रस्ताव ठुकरा दिया कि ये ज़मीन
खून से रंग  चुकी है  और प्रदुषन्न से विषाक्त भी हो चुकी है
चाँद ने भी इस प्रस्ताव क़ो ठुकराने के कारण बता दीये
कि ये धरती  अपना शिल्प खो चुकी है. कि ये धरती अपने संस्कार भूल कर दिशा   विहींन हो चुकी है... कि विभ्र्म और द्वन्द ग्रस्तता के कारण ये ज़मीन पथभृष्ट  हो चुकी है. इसलिए  वो  इस ज़मीन के लिए योग्य वर  नहीं है

©Parasram Arora योग्य वर

योग्य वर #कविता