लग जा गले आओ समेट लो मुझे तुम अपनी बाहों में, मैं तुझमें विलीन होना चाहता हूं। गुनाहों की धूल में लिपटा रहा अब तक, तेरी बाहों में आकर नवीन होना चाहता हूं। ©विष्णु कांत #hugday #ValentineDay