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कुछ लम्हे तो मेरे हों कुछ लम्हे तो मेरे हों अस्

कुछ लम्हे तो मेरे हों


कुछ लम्हे तो मेरे हों

अस्तित्व की तलाश में

भटक रहा हूँ सदियों से।


मुझे वर्चस्व नहीं चाहिए

वो आप रखो

अवसर की समानता का

इंसाफ रखो।

©Kavi Hari Shanker
  #कुछ लम्हे तो मेरे हों

#कुछ लम्हे तो मेरे हों #कविता

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