मुझे उसकी एक उस नादानी पर हँसी आयी जब उसने कहा "तुम चाहे मुझे छोड़कर चले जाओ, मैं तुम्हे कभी नही छोड़कर जाऊंगी" और दूसरी नादानी उसकी और नादान थी, "बिना कुछ कहे छोड़कर चली गई" शायद उसके पास कहने को शब्द नही थे, मेरे पास बताने को शब्द नही है। अब मैं तीसरी नादानी के इंतजार में बैठा हूँ आखिर मेरा दिल भी तो नादान ही था ना नादानी