तुम्हारे खातिर ************* मुस्कुराता हूं तुम्हारे खातिर ............... जीता हूं तुम्हारे खातिर.................. हिंदुस्तां वतन मेरा घर है................ मेरी आत्मा सदा अमर है............... मेरा धर्म संपूर्ण सनातन................ मेरी सांसे पूर्ण पवन..................... तुम कुछ नहीं कठपुतली हो........... बिकाऊ आम की गुठली हो........... स्वार्थ का कुआं है तुझमें............... तुझे जलाता धुआं है तुझमें............ मिट जाओगे खुद से तुम.............. उड़ेगा मस्त हवा में कुमकुम........... बिगड़ता देश का हालात है............ लेकिन वक्त तुम्हारे हाथ है............. तुमआंख खोल कर सोते हो........... बिना आंसू के रोते हो................... दिल दिमाग टूटे खाट पर सोया है.... खुद के लिए कंकड़ पत्थर बोया है.... मुस्कुराता हूं मैं तुम्हें देखकर........... सोचता हूं जगा दूं पत्थर फेंककर...... मेरे हर शब्द और सोच है पागल...... प्रमोद राष्ट्रभक्त का है यही हाल........ गम पीता हूं तुम्हारे खातिर............. मुस्कुराता हूं तुम्हारे खातिर............!! ******************************* प्रमोद मालाकार की कलम से ************************* ©pramod malakar #जीता हूं तुम्हारे खातिर